Helping The others Realize The Advantages Of तरबूज के रस के फायदे



अमीनो एसिड, मैग्नीशियम और पोटेशियम रक्त वाहिकाओं को बेहतर बनाने के लिए गठबंधन करते हैं

हेल्दी रेसपी लौकी खाने के फायदे और नुकसान –...

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यदि आप शुष्‍क त्‍वचा संबंधी समस्‍याओं से परेशान हैं तो तरबूज का जूस आपकी मदद कर सकता है। क्‍योंकि तरबूज में पानी की पर्याप्‍त मात्रा होती है जो स्किन को हाइड्रेट रखने के साथ ही त्‍वचा को चमकदार और स्‍वस्‍थ रखता है। आप अपनी तवचा को नमीयुक्‍त बनाए रखने के लिए तरबूज के जूस और शहद के मिश्रण का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इस मिश्रण का उपयोग करना त्‍वचा से मुंहासों को साफ करने में भी प्रभावी होता है।

यह आपके लीवर को शुद्ध करता है और किडनी के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है

यह खबर सामान्य जानकारियों पर आधारित है। किसी भी तरह की विशेष जानकारी के लिए विशेषज्ञ से उचित सलाह लें।

यह सामग्री क्रियेटिव कॉमन्स ऍट्रीब्यूशन/शेयर-अलाइक लाइसेंस के तहत उपलब्ध है;

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स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी लाभ प्राप्‍त करने का सबसे सस्‍ता और अच्‍छा उपाय तरबूज के जूस का उपयोग करना है। तरबूज का जूस आप अपने घर पर ही तैयार कर सकते हैं। यदि आपके पास पर्याप्‍त समय नहीं है तो आप बाजार से भी तरबूज का जूस खरीदकर पी सकते हैं। हालांकि बाजार से खरीदे गए पैक तरबूज के जूस में और सड़क के किनारे स्‍टॉल में मिलने वाले जूस में रासायनिक उत्‍पादों और अस्‍वच्‍छता की संभावना अधिक होती है। इसलिए तरबूज के जूस को घर पर ही तैयार करना अच्‍छा होता है। आप अपनी आवश्‍यकता के अनुसार स्‍वच्‍छ और ताजे तरबूज के रस को आसानी से घर पर ही तैयार कर सकते हैं।

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तरबूज के बीज का भी गुर्दे पर अच्छा प्रभाव हो सकता है, इसलिए यदि आप गुर्दा की सफाई के लिए रस का उपयोग कर रहे हैं तो बीज वाले तरबूज को खरीदने की कोशिस करें।

गर्मियों के लिए सबसे फायदेमंद फल तरबूज(तरबूज के फायदे) होता है। इसमें पानी की मात्रा बहुत get more info अधिक होती है। अगर आप पानी में तरबूज और कुछ टुकड़े काटकर डालें और फिर इसे पिएं तो इससे मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स हमारी बॉडी में पहुंचते हैं।

मैदानी क्षेत्रों में इसकी बुवाई समतल भूमि में या डौलियों पर की जाती है, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में बुवाई कुछ ऊँची उठी क्यारियों में की जाती है क्यारियाँ २.५० मीटर चौङी बनाई जाती है उसके दोनों किनारों पर १.५ सेमी० गहराई पर ३-४ बीज बो दिये जाते है थामलों की आपसी दूरी भूमि की उर्वरा शक्ति पर निर्भर करती है वर्गाकार प्रणाली में ४ गुणा १ मीटर की दूरी रखी जाती है पंक्ति और पौधों की आपसी दूरी तरबूज़ की किस्मों पर निर्भर करता है। ↑ वेबदुनिया पर ↑ "ताराकाश डॉट कॉम पर".

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